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भारत में सुपर-कुशल पंखे — ‘सीप’ (सुपर कुशल उपकरण कार्यक्रम) का एक सुखद परिणाम

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बीईई ने वर्ष 2006 में अपने मानक और लेबलिंग संबंधित कार्यक्रम शुरू किया था और तब से फलस्वरूप, कई बिजली के उपकरण 1-5 के पैमाने पर, क्षमता के आधार पर मूल्यांकित किये जा रहे है। अधिकांश उपकरणों को लेबल और बीईई स्टार रेटेड उपकरणों के रूप में बेचा भी जाता है। परन्तु, अभी भी इतने वर्षों के बाद भी, भारत में उपकरणों की दक्षता का स्तर विश्वस्तर पर सबसे कुशल उपकरणों के दक्षता के सर्वोच्च स्तर तक पहुँच नहीं पाया है। पुणे का ‘प्रयास ‘समूह द्वारा एक अध्ययन के अनुसार, अगर हम बाजार में एक ‘तीव्र परिवर्तन’ (या रैपिड ट्रांसफॉर्मेशन)  के माध्यम से केवल चार उपकरण –  एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर , टीवी सेट, और छत पंखे का दक्षता का स्तर बड़ा  दे, तो हम भारत में 60 लाख यूनिट बिजली बचाने में सफल हो सकते हैं| यह 20000  मेगावाट की पीक क्षमता के बराबर ऊर्जा होती हैं| इसको ध्यान में रखते हुए बीईई ने सुपर कुशल उपकरणों के निर्माण का समर्थन करने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू ‘सीप’ (सुपर कुशल उपकरण कार्यक्रम) शुरू किया हैं – जिसके पहले चरण में उन्होंने पंखो को शामिल किया हैं|

सुपर कुशल पंखे क्या होते  हैं?

एक नियमित छत पंखा, जिसमे किसी भी प्रकार की कुशल प्रौद्योगिकी प्रयुक्त नहीं होती हैं,  75-80 वाट बिजली की खपत करता हैं| जबसे बीईई  ने छत पंखो के लिए स्टार रेटिंग शुरू की हैं, हमे बाजार में ऐसे पंखे उपलब्ध मिलने लगे हैं जिनकी उपभोग क्षमता मात्र 45-50 वाट ही होती हैं| हालांकि, कुछ लोगों को जरूर बीईई 5 स्टार रेटेड पंखो से शिकायत रहती हैं की वह हवा कम प्रदान करते हैं या उनका उनकी हवा वितरण प्रक्रिया कमज़ोर हैं| हमने इस विषय पर अपने पिछले लेख – बीईई 5  स्टार रेटेड छत पंखे : मिथको और वास्तविकता में काफी विस्तार से चर्चा की हैं| एक नियमित पंखे का हवा वितरण 250 सीउएमएम (पर क्यूबिक मिलीमीटर) और  बीईई 5  स्टार रेटेड छत पंखे का  हवा वितरण 210-225 सीउएमएम होता हैं| इन सब को देखते हुए  बीईई  ने ऐसे सुपर-कुशल पंखे निर्मित किये हैं, जो मात्र 30-35 वाट  बिजली का उपभोग करते हैं और उनका हवा वितरण भी 230 सीउएमएम होता हैं| हमे पूर्ण विश्वास हैं की यह सुपर-कुशल पंखे नियमित रूप के पंखो से बेहतर हैं और उपभोक्ता को उसकी लागत अच्छा मूल्य प्रदान करते है|

पंखो के विभिन्न प्रकार की तुलना

एक सुपर कुशल पंखा खरीदने के लिए लगती उच्च लागत को देखते हुए, ज्यादातर लोग खरीदने का फैसला करने से पहले संख्या की तुलना विभिन्न मानकों पर करने में रुचि लेंगे।  नीचे दी गई तालिका पंखो के प्रमुख प्रकार की तुलना करती हैं:

नियमित पंखा बीईई स्टार रेटेड पंखा
वाट क्षमता 75 50
वार्षिक यूनिट्स की खपत (8 घंटे दैनिक उपयोग की दर से) 219 146
वार्षिक बिजली की लागत (प्रति 5 रुपये यूनिट की दर से) 1095 750
खरीदने की लागत (रुपये में) 1200 1600

ऊपर प्रस्तुत संख्या के आधार पर, नियमित पंखे की तुलना में एक बीईई 5 स्टार रेटेड पंखा एक वर्ष के भीतर निवेश का भुगतान कर देता है। वही,  एक सुपर कुशल पंखा अपने ऊपर ख़र्च हुए अतिरिक्त लागत का भुगतान लगभग साढ़े तीन वर्षों में कर पाता हैं|

ऊपर प्रस्तुत नंबर उपयोग और बिजली की लागत के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, जिसका पता आप इस कैलक्यूलेटर का उपयोग कर लगा सकते हैं: ऑनलाइन बिजली बिल कैलक्यूलेटर – भारत में सभी राज्यों के लिए। अगर आपकी प्रयोग लागत 5 से अधिक  है, तो आपको निवेश का भुगतान शीघ्र मिलेगा, अगर  प्रयोग लागत कम है तो भुगतान वापसी की दर भी धीमी होगी|

सुपर कुशल पंखा प्रौद्योगिकी में कौन-कौन सी चीज़े समाहित होती हैं?

सुपर कुशल पंखे में पंखो की दक्षता में सुधार करने के लिए, मूलतः तीन प्रकार की चीज़े समाहित होती हैं:

  1. प्रदर्शन में सुधार, ‘इंडक्शन मोटर’ में सुधार के कारण होता है।
  2. बीएलडीसी  का उपयोग (या ब्रशलेस्स डीसी प्रौद्योगिकी तकनीक) होता है। ब्रशलेस्स डीसी प्रौद्योगिकी तकनीक की अधिक जांच करने के लिए कृपया इस लिंक का उपयोग करें: http://en.wikipedia.org/wiki/Brushless_DC_electric_motor
  3. ब्लेड के डिजाइन में सुधार होता है।

ऊपर के कार्यान्वयन को अमल में लाने के लिए ‘इलेक्ट्रिक’ घटको को  ‘इलेक्ट्रॉनिक’ घटको से बदलने की आवश्कता होती हैं, जिससे  पंखे  पर सुगमतापूर्ण नियंत्रण स्थापित हो सके|

बीईई विनिर्देशों के अनुसार ,ये परिवर्तन सुपर कुशल पंखो में प्रमुख कार्य करने की अनुमति देता हैं:

1. पूरी रफ्तार से उच्च हवा का प्रवाह

2. बेहतर गुणवत्ता ब्लेड के उपयोग के माध्यम से कम शोर

३. भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से अधिक उपयुक्त होने के लिए:

  • कम वोल्टेज पर प्रदर्शन में नगण्य या बहुत कम गिरावट;
  • उच्च ‘एम्बिएंट’  तापमान में भी विश्वसनीय प्रदर्शन

4. सबसे कम बिजली की खपत भी यथोचित संभव होती हैं।

हालांकि, सुपर कुशल पंखे का एक नकारात्मक पक्ष यह हैं की इनका पावर फैक्टर नियमित रूप से पंखो की तुलना में कम होता हैं| नियमित पंखो का  पावर फैक्टर 0.95  होता हैं, जबकि सुपर कुशल पंखो का  पावर फैक्टर  0.9 होता हैं| यह उनके टैरिफ योजना में मांग के अनुसार वाणिज्यिक कनेक्शन को प्रभावित कर सकता है।

स्रोत

Development of Super efficient Equipment Programme ( SEEP ) for Fans

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