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भारत में बीईई (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो) किसको कहते हैं और वह कौन- कौन से मुख्य कार्य करती है?

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जब से हम “बिजली बचाओ” पर लेख लिख रहे हैं, हमारे मन में कभी यह ख्याल नहीं आया की भारत में काफी लोगों को बीईई (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो) के बारे में शायद पर्याप्त ज्ञान है ही नहीं | हाल ही में, किसी से बात करते हुए जब एक सज्जन ने हमसे यह प्रश्न किया “बीईई क्या होती हैं?”, तभी हमे यह ख्याल आया की शायद देश में अधिकांश लोगो को इस संगठन के बारें में भली-भाति जानकारी नहीं हैं | अधिकांश लोग, विद्युत उपकरणों की खरीद के समय स्टार रेटिंग तो अवश्य देखते हैं, परन्तु कौन सा संगठन इन रैंकिंग का आवंटन करता हैं, उसके बारें में बहुत स्पष्ट ज्ञान लोगो में नहीं है। बीईई, ‘ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी’ या ऊर्जा दक्षता ब्यूरो – संन 2002 में स्थापित हुआ था, परन्तु सक्रिय रूप से यह संगठन वर्ष 2006 के बाद से ही कार्य कर रहा हैं| वर्ष 2006 के उपरांत ही बीईई उपकरणों को उनकी दक्षता के लिए रेटिंग प्रदान कर रहा हैं| हालांकि, देश में कुछ ही लोगों को उसकी गतिविधियों के बारे में शायद ही पता हो कि यह कैसे अस्तित्व में आया और यह संगठन कौन-कौन से मुख्य कार्य करता हैं| इस लेख में हम अपने पाठकों को बीईई संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे|

BEE Logo

बीईई के बारे में अधिक जानकारी

बीईई को, भारत सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च 2002 को  स्थापित किया गया था। जैसा की विदित हो पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और ‘ग्लोबल वार्मिंग’ की चुनौतियों से जूझ रहीं है, और दुनिया भर में CO2 उत्सर्जन को कम करने के लिए कदम उठाएं जा रहे हैं| हालांकि, सौर ऊर्जा और वायु जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत CO2 उत्सर्जन को कम करने में काफी सक्षम होते हैं, परन्तु यह सूत्र पूरी तरह से हमारे मौजूदा बिजली उत्पादन के तरीकों की जगह लेने में अभी सक्षम नहीं हैं| ऊर्जा की बचत या (एक ही तरह का काम करने के लिए) कम ऊर्जा का उपयोग, CO2 के उत्सर्जन को कम करने का विश्व स्तर पर सबसे आसान तरीका माने जातें है| बीईई ने ऊर्जा दक्षता प्राप्त करने के लिए एवं आत्म-नियमन और बाजार के सिद्धांतों पर जोर देने के लिए, तथा इससे संबंधित विभिन्न रणनीतिया को न केवल बनाने बल्कि उनको विकसित करने के लिए, एक मिशन की शुरुआत की है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, बीईई, सरकार, उद्योग, विभिन्न निर्माताओं और उपभोक्ताओं  के साथ समन्वय स्थापित कर रहा हैं, ताकि वह ऊर्जा के संरक्षण के उपाय को भली-भाति आलेखित कर कार्यान्वित कर सकें|

बीईई की प्रमुख गतिविधिया

बीईई दोनों ‘रेगुलेटरी’ और प्रचार संबंधित गतिविधिया करता है।

रेगुलेटरी गतिविधिया, यहाँ निम्नलिखित है:

  • यह उपकरणों के प्रदर्शन मानकों को सेट और उसी के लिए ‘लेबलिंग डिजाइन स्कीम’ प्रोग्राम को क्रियान्वित करने का कार्य कर रहा हैं|  एसी, रेफ्रिजरेटर, पंखे, पंप, पानी हीटर, आदि जैसे विभिन्न उपकरणों की स्टार रेटिंग के लिए लेबलिंग डिजाइन करने का कार्य उसके कार्य क्षेत्र का एक प्रमुख हिस्सा होती है।
  • वह इमारतों और उद्योगों के लिए ऊर्जा दक्षता कोड का विकास करती हैं|
  • वे ऊर्जा प्रबंधकों और ऊर्जा लेखा परीक्षकों को प्रमाणित करने का कार्य भी करते हैं, ऊर्जा प्रबंधक और ऊर्जा लेखा परीक्षक वह होते हैं जो ऊर्जा आडिट का कार्य आधिकारिक तौर पर और वैधानिक तरीके से क्रियान्वित कर सकें|
  • वे ऊर्जा की खपत के लिए मानदंडों का विकास भी करती हैं|


अपनी गतिविधियों के प्रचार करने के लिए, वे यह प्रमुख कार्य (प्रचार संबंधित गतिविधिया) करते हैं:

  • वह उर्जा दक्षता, स्टार रेटिंग और अन्य संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों के लिए प्रचार कार्यक्रमों को बनाने का कार्य करती हैं|
  • वह उन संबंधित लोगों के लिए प्रशिक्षण के आयोजन की व्यवस्था करती हैं, जो ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं में सम्मिलित होकर अपना योगदान दे सकें|
  • वह परीक्षण और प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं का विकास और परीक्षण सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यशील रहती हैं |
  • वह अभिनव  ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं की ‘फाइनेंसिंग’ को बढ़ावा देने हेतु निरंतर कार्यशील रहती हैं |
  • वह ऊर्जा और इसके संरक्षण के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों को वित्तीय सहायता देने के कार्य करती हैं|
  • वह ऊर्जा और इसके संरक्षण के कुशल उपयोग हेतु संबंधित शैक्षिक पाठ्यक्रम को तैयार करती हैं|

बीईई स्टार रेटिंग कार्यक्रम के बारे में जानकारी

जैसा की ऊपर उल्लिखित भी है, बीईई विभिन्न उपकरणों की स्टार रेटिंग आकलन के लिए मानकों और लेबल सेटिंग के कार्य में निरंतर अग्रसर रहती हैं| वह परीक्षण और प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं का विकास और परीक्षण सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यशील रहती हैं| वह उपकरणों के सभी प्रकार के परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रियाओं को परिभाषित करने का कार्य करती हैं| निर्माताआ जब भी कोई नया मॉडल का निर्माण करता हैं, वह यह जरूर चाहता हैं की उसका उत्पाद अवश्य प्रमाणित हो जाएं| वे बीईई द्वारा डिजाइन प्रक्रियाओं के अनुसार अपने उपकरणों का परीक्षण करने के उपरांत, पाएं गए डेटा के साथ स्टार प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं| परीक्षण के आंकड़ों के आधार पर बीईई इन उपकरणों के लिए एक स्टार रेटिंग प्रदान करता है। बीईई समय-समय पर मानकों और प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को परिष्कृत भी करता रहता है। अधिक जानने के लिए, कृपया आप बीईई स्टार रेटिंग कार्यक्रम पर हमारे एक अन्य लेख – बीईई स्टार रेटिंग कार्यक्रम  की जांच करें|

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